Chhota Bazaar
A blog from a self-diagnosed writer.
Thursday, September 29, 2016
चौधवीं का चाँद
·
आसमान के काले पर्दे पर मैंने तेरे लिए चौधवीं का चाँद
उभारा
है
,
उसकी रोशनी न
मद्धम
पड़े इसलिए सभी सितारों को ज़मीन पर उतारा है।
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