Chhota Bazaar
A blog from a self-diagnosed writer.
Wednesday, September 28, 2016
फिदा
·
तुम्हारी
पलकों
पे हमने अपनी नींदों को रखा है
,
हमारे दिल की हर धड़कन तुम्हारी सदा है
,
तुम्हारे बिन
जीना
हमारे
लिए सज़ा है
,
ये दिल तुम पे
,
सिर्फ तुम पे फिदा है।
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