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रोज़-दर-रोज़ हवा में बिछीं इन ओस की बूंदों से ये ही फसाना बयान होता
है,
इस ही वजह से हर परवाना क्षमा पर कुर्बान होता है,
के तुम जियो मुद्दतों तक, जियो जब तक ये ज़मीन, ये आसमान होता है,
गर कयामत भी आए तो समा थाम लेंगे
क्योंकि तुमसे ही हमारा जहान होता है,
आपका
प्यार पाकर हमें
अपनी किस्मत पे गुमान होता है।
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